🥖 "Baked With Love"

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🥖 "Baked With Love" A story of a couple, one kitchen, and a recipe that changed everything It started with a burnt lasagna. Maya had never claimed to be a chef. In fact, the only things she could reliably cook were scrambled eggs and toast—and even those required some concentration. So when she invited Daniel over for their third date and decided to impress him with a home-cooked Italian dinner, she was operating on pure optimism. The lasagna came out blackened on the edges and soggy in the middle. Her garlic bread was more charcoal than crust. And the salad? Well, it mostly wilted under the weight of store-bought dressing. Daniel took one bite, smiled sweetly, and said, “It’s edible.” She burst out laughing. “You’re lying.” “I am,” he admitted. “But I like that you tried.” He ordered pizza instead. They ate on the couch, dipping crusts in leftover tomato sauce, giggling like teenagers. That night, something shifted. They were no longer just dating—they were becomi...

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Chudail Horror Story In Hindi – मै उस डरावनी रात को कभी नहीं भूल सकता जिस रात मैंने अपना सबसे अच्छा दोस्त सूरज पाटिल को खो दिया था।



सूरज और मै बचपन से ही एक दूसरे के साथ थे सूरज मेरा दोस्त कम और भाई ज्यादा था, 10वीं कक्षा के बाद हम दोनों ने लातूर के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में प्रवेश लिया। हमारे लिए लातूर शहर अनजान था पर कुछ ही दिनों में हम उस शहर का चप्पा-चप्पा जान गए थे क्योंकि सूरज और मै पुरे दिन गांव में बाइक से घुमा करते थे। हम दोनों रोज-रोज उसी शहर में घूमकर बोर हो चुके थे।।





इसलिए एक रात हमने Long Drive पर जाने का फैसला किया। हम ने कामी गांव के जंगल में जाने का प्लान बनाया। हम कामी गांव के जंगल में कभी नहीं गए थे। पर हमने सिर्फ इतना सुना था की कामी गांव का जंगल सिर्फ नाम का जंगल है क्योंकि वह हरे-भरे पेड़ो के सिवाय कुछ नहीं था क्योंकि उस जंगल में जो भी जंगली जानवर थे वो शिकार के कारण ख़त्म हो चुके थे।





इसलिए रात में लॉन्ग ड्राइव पर जाने के लिए वह जंगल बिलकुल सुरक्षित था और उसी रात पूर्णमासी की रात भी थी मौषम भी अच्छा था इसलिए मै सूरज के साथ कामी गांव के जंगल में जाने के लिए राजी हो गया।


रात के 11 बजे हम कामी गांव के जंगल में दाखिल हो गए। हमने जैसा सुना था वैसे ही जंगल का रास्ता मक्खन की तरह मुलायम था हमारी बाइक हवा से बाते करने लगी थी। वाकई बहुत मजा आ रहा था।





पर मुझे इस बात से हैरानी हो रही थी की हम जंगल के इतने अंदर दाखिल हो चुके थे पर तब भी हमें रास्ते में एक भी गाड़ी दिखाई नहीं दे रही थी जंगल का पूरा रास्ता सुनसान पड़ा हुआ था। तभी रास्ते में हमें एक पुल दिखाई दिया सूरज ने उस पुल के बीचो बिच बाइक रोक दी।





वह अंग्रजो के द्वारा नदी में बनाया गया 100-200 साल पुराना ब्रिज था। पुल के बगल में एक बड़ा सा बोर्ड लगा हुआ था और उस पर लिखा हुआ था St. Jorje Bridge हम दोनों पुल पर गए और खड़े हो गए। पुल के निचे से नदी बह रही थी और कोमल हवाएं चल रही थी नदी के बहती हुयी पानी में चाँद दिखाई दे रहा था।





इतने में दूर जंगल से भेड़िये की रोने की आवाज आयी और पुल के ऊपर से बहने वाली हवाएं अचानक रुक गयी नदी का पानी थम सा गया और चाँद एक काले बादल के पीछे गायब हो गया तभी हमारे सर के ऊपर से एक टिटिहरी भयंकर आवाज में चीखती हुयी मडराने लगी। मालूम वो हमसे कह रही थी की यहाँ से जल्दी से भाग जाओ।





मै – सूरज यहाँ कुछ अच्छा नहीं लग रहा है टिटिहरी का चीखना मतलब हमारे चारो तरफ खतरा मडरा रहा है हमें जल्दी यहाँ से निकल जाना चाहिए।





सूरज – अरे भाई कुछ अशुभ नहीं होता बस ये अंधविस्वाश है यहाँ खड़े रहो और चुप-चाप नजारा देखो।


इधर सूरज उस औरत को रोकने के लिए उसकी तरफ भागा लेकिन मै वही खड़ा रहा क्योंकि फांसी पर लटकते हुए मेरे दादा जी मेरे सामने आ रहे थे। सूरज तेजी से चिल्लाया “अरे चाची क्या कर रही हो उतरो वहा से गिर जाओगी” सूरज की आवाज सुनकर मै होश में आया।





सूरज उस औरत के बहुत ही करीब जा पंहुचा था और तभी वो औरत नदी में कूद गयी, तब तक मै दौड़ते हुए सूरज के पास जा पहुंचा वो औरत हमारे सामने नदी में डूब रही थी और चीख रही थी “बचाओ बचाओ…” पर हम उसे सिर्फ डूबते हुए देख रहे थे क्योंकि हम दोनों बहुत ज्यादा डर गए थे वो औरत मदद के लिए बुला रही थी फिर तभी सूरज ने अपनी टीशर्ट उतारा और पुल के रीलिंग पर चढ़ गया। मैंने उसका हाथ पकड़कर उसे रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं माना।





उसने मेरे हाथ से अपना हाथ छुड़ाकर उस लड़की को बचाने के लिए नदी में कूद गया। सूरज नदी ने कूदते ही उसने अपने आस पास देखा तो उसे वह औरत कही भी दिखाई नहीं दे रही थी उसने सोचा की वह डूब चुकी होगी फिर उसने गहरी सासे ली और पानी के अंदर डुबकी लगायी कुछ देर बाद वह पानी के ऊपर आया लेकिन वह लड़की कही नहीं दिखाई दे रही थी।


नुखिले थे।





चुड़ैल – क्या हुआ मुझे ढूंढ रहे हो… (हस्ते हुए बोली)





सूरज पानी की सतह से हमें देख रहा था उसे भी पता चल चूका था की ये कोई औरत नहीं बल्कि ये एक चुड़ैल है सूरज हमें चौड़ी आँखों से देख रहा था। मैंने सोचा अब ये चुड़ैल मुझे इसी पुल पर चीड़-फाड़ कर मार डालेगी और फिर मेरी कच्चे मांस को चबा चबाकर खा जाएगी क्योंकि मै अकेले ही उसके पकड़ में आ गया था और डर के मारे मैंने अपने पैंट में पेशाब कर दी।





चुड़ैल – डरो मत मै तुम्हे नहीं उसे अपने साथ नदी में ले जा रही हूँ।


जब मै ये सुना तो मेरा दिल डर से दहल उठा। मैंने सूरज से चिल्लाते हुए कहा “सूरज जल्दी से पानी से बाहर निकलो नहीं तो ये चुड़ैल तुम्हे पानी में ले जाएगी”





सूरज पूरी तरह से डर गया था उसके हाथ पैर सुन्न हो गए थे उसे अहसास हो गया था की वह नदी में से बाहर नहीं निकल पायेगा क्योंकि वह नदी के बीचो बिच था।





चुड़ैल मेरे तरफ देखकर मुस्कुरायी और फिर नदी में छलांग लगा दी। सूरज आखरी बार चिल्लाया और चुड़ैल उसे पानी में अपने साथ ले गयी कुछ देर तक पानी में से बुलबुले निकलते रहे पर कुछ देर बाद वो भी बंद हो गए।





मै आँखे फाड़-फाड़ कर नदी में देख रहा था और सूरज को पुकारता रहा और इतने में नदी के पानी में खून दिखाई दिया मेरी आँखों में आंसू आ गए और मै समझ गया की उस चुड़ैल ने सूरज को मार दिया है मै वो सदमा बरदास ना कर सका मेरी आँखो के सामने अचानक अँधेरा छा गया और मै उसी जगह पर बेहोश हो गया।





जब मुझे होश आया तब सुबह हो चुकी थी मै चार पांच लोगो से घिरा हुआ था पुल पर काफी सारे लोगो की भीड़ जमी हुयी थी लोग पुल के निचे झाँक कर देख रहे थे मै उठा और दौड़कर पुल के पास गया और देखा पाने में नदी के किनारे सूरज की लाश तैर रही थी।





उस चुड़ैल ने बड़े ही बेदर्दी से सूरज के सीने से दिल निकाल लिया था मेरा सबसे अच्छा दोस्त मुझे छोड़ कर चला गया था। उस दिन मुझे कामी गांव के लोगो से पता चला की उस नदी में 100 साल पहले से किसी चुड़ैल का वाश था





असल में हुआ ये था की अंग्रेजो के जवाने में एक अंग्रेज अफसर ने सुंदरा नाम के एक औरत का बलदकार किया था ये बात आस-पास के हर गांव में फ़ैल गयी थी इसी कारण सुंदरा से गांव की कोई भी औरत बात नहीं करती थी क्योंकि सब लोग कहते थे की उसकी पवित्रता नस्ट हो चुकी है गांव के लोग उसे हर दिन ताने मारते थे कुछ दिन बाद सुंदरा के पति ने भी उसे छोड़ दिया तब सुंदरा अपने घर चली आयी कामी गांव ही उसका मायके था।





लेकिन वहा भी उसे बहुत सारी बेज्जती झेलनी पड़ी वह हर दिन लोगो के ताने सुनकर तंग आ गयी थी इसलिए एक दिन पूर्णमासी की रात सुंदरा ने कामी गांव के St. Jorje Bridge से नदी में कूदकर खुदकुशी कर ली थी, मरने के बाद वह चुड़ैल बन गयी और पूर्णमासी की रात सुंदरा उस ब्रिज पर आती थी और लोगो को इसी तरह कपट से अपना शिकार बनाती थी।





कामी गांव के कुछ बुजुर्ग लोग ये भी कहते है की 100 पुरुषो या लड़को का दिल खाने के बाद वह चुड़ैल फिर से एक सुन्दर औरत बनने वाली थी इसलिए वह सिर्फ पुरुषो और लड़को को अपना शिकार बनाती थी और उनका दिल कच्चा चबा जाती थी।


सूरज के मारने के बाद कामी गांव के St. जॉर्ज ब्रिज पर कभी भी वह चुड़ैल दिखाई नहीं दी इसीलिए कामी गांव के लोग कहते है की मेरा दोस्त सूरज उस चुड़ैल का आखरी शिकार था और उसके बाद वह फिर से जिन्दा और सुन्दर स्त्री बन गयी और अभी वह किसी आदमी के साथ सामान्य जीवन जी रही होगी।

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